Wednesday, May 21, 2008

रमानाथ जहँ राजा सो पुर बरनि कि जाइ अनिमादिक सुख संपदा रहीं अवध सब छाइ

रमानाथ जहँ राजा सो पुर बरनि कि जाइ
अनिमादिक सुख संपदा रहीं अवध सब छाइ