सकल काम प्रद तीरथराऊ बेद बिदित जग प्रगट प्रभाऊ मागउँ भीख त्यागि निज धरमू आरत काह न करइ कुकरमू अस जियँ जानि सुजान सुदानी सफल करहिं जग जाचक बानी अरथ न धरम न काम रुचि गति न चहउँ निरबान जनम जनम रति राम पद यह बरदानु न आन