तेहिं सब कही साप कै बाता
दुरबासा मोहि दीन्ही सापा
दुरबासा मोहि दीन्ही सापा
प्रभु पद पेखि मिटा सो पापा
सुनु गंधर्ब कहउँ मै तोही
सुनु गंधर्ब कहउँ मै तोही
मोहि न सोहाइ ब्रह्मकुल द्रोही
मन क्रम बचन कपट तजि जो कर भूसुर सेव
मोहि समेत बिरंचि सिव बस ताकें सब देव
मन क्रम बचन कपट तजि जो कर भूसुर सेव
मोहि समेत बिरंचि सिव बस ताकें सब देव
सापत ताड़त परुष कहंता
बिप्र पूज्य अस गावहिं संता
पूजिअ बिप्र सील गुन हीना
पूजिअ बिप्र सील गुन हीना
सूद्र न गुन गन ग्यान प्रबीना
कहि निज धर्म ताहि समुझावा
कहि निज धर्म ताहि समुझावा
निज पद प्रीति देखि मन भावा
रघुपति चरन कमल सिरु नाई
रघुपति चरन कमल सिरु नाई
गयउ गगन आपनि गति पाई
ताहि देइ गति राम उदारा