Monday, September 17, 2007

अमर नाग किंनर दिसिपाला चित्रकूट आए तेहि काला

लखन जानकी सहित प्रभु राजत रुचिर निकेत
सोह मदनु मुनि बेष जनु रति रितुराज समेत


अमर नाग किंनर दिसिपाला चित्रकूट आए तेहि काला
राम प्रनामु कीन्ह सब काहू मुदित देव लहि लोचन लाहू
बरषि सुमन कह देव समाजू नाथ सनाथ भए हम आजू
करि बिनती दुख दुसह सुनाए हरषित निज निज सदन सिधाए
चित्रकूट रघुनंदनु छाए। समाचार सुनि सुनि मुनि आए
आवत देखि मुदित मुनिबृंदा कीन्ह दंडवत रघुकुल चंदा
मुनि रघुबरहि लाइ उर लेहीं सुफल होन हित आसिष देहीं
सिय सौमित्र राम छबि देखहिं साधन सकल सफल करि लेखहिं

जथाजोग सनमानि प्रभु बिदा किए मुनिबृंद
करहि जोग जप जाग तप निज आश्रमन्हि सुछंद