Monday, September 17, 2007

रामहि केवल प्रेमु पिआरा जानि लेउ जो जाननिहारा

रामहि केवल प्रेमु पिआरा 
जानि लेउ जो जाननिहारा
राम सकल बनचर तब तोषे 
कहि मृदु बचन प्रेम परिपोषे