Hare Rama
सिबि दधीचि हरिचंद नरेसा सहे धरम हित कोटि कलेसा
रंतिदेव बलि भूप सुजाना धरमु धरेउ सहि संकट नाना
धरमु न दूसर सत्य समाना आगम निगम पुरान बखाना
मैं सोइ धरमु सुलभ करि पावा तजें तिहूँ पुर अपजसु छावा
संभावित कहुँ अपजस लाहू मरन कोटि सम दारुन दाहू
तुम्ह सन तात बहुत का कहऊँ दिएँ उतरु फिरि पातकु लहऊँ
पितु पद गहि कहि कोटि नति बिनय करब कर जोरि
चिंता कवनिहु बात कै तात करिअ जनि मोरि
रंतिदेव बलि भूप सुजाना धरमु धरेउ सहि संकट नाना
धरमु न दूसर सत्य समाना आगम निगम पुरान बखाना
मैं सोइ धरमु सुलभ करि पावा तजें तिहूँ पुर अपजसु छावा
संभावित कहुँ अपजस लाहू मरन कोटि सम दारुन दाहू
तुम्ह सन तात बहुत का कहऊँ दिएँ उतरु फिरि पातकु लहऊँ
पितु पद गहि कहि कोटि नति बिनय करब कर जोरि
चिंता कवनिहु बात कै तात करिअ जनि मोरि
Hare Rama