Saturday, August 2, 2008

धरमु न दूसर सत्य समाना

Hare Rama
सिबि दधीचि हरिचंद नरेसा सहे धरम हित कोटि कलेसा
रंतिदेव बलि भूप सुजाना धरमु धरेउ सहि संकट नाना
धरमु दूसर सत्य समाना आगम निगम पुरान बखाना
मैं सोइ धरमु सुलभ करि पावा तजें तिहूँ पुर अपजसु छावा
संभावित कहुँ अपजस लाहू मरन कोटि सम दारुन दाहू
तुम्ह सन तात बहुत का कहऊँ दिएँ उतरु फिरि पातकु लहऊँ
पितु पद गहि कहि कोटि नति बिनय करब कर जोरि
चिंता कवनिहु बात कै तात करिअ जनि मोरि

Hare Rama