Friday, June 27, 2008

तुलसी तरुबर बिबिध सुहाए कहुँ कहुँ सियँ कहुँ लखन लगाए

तुलसी तरुबर बिबिध सुहाए 
कहुँ कहुँ सियँ कहुँ लखन लगाए 

बट छायाँ बेदिका बनाई 
सियँ निज पानि सरोज सुहाई