Thursday, October 4, 2007

प्रान प्रान के जीव के जिव सुख के सुख राम तुम्ह तजि तात सोहात गृह जिन्हहि तिन्हहिं बिधि बाम

प्रान प्रान के जीव के जिव सुख के सुख राम
तुम्ह तजि तात सोहात गृह जिन्हहि तिन्हहिं बिधि बाम